न्यूयॉर्क / वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत को अमेरिकी बाजार में चावल डंप करना ( सस्ते दामों पर बेचना ) नहीं चाहिए और वह इस मामले से निपट लेंगे। ट्रंप ने चेतावनी दी कि शुल्क (टैरिफ ) लगाकर इस समस्या का आसानी से हल निकल जाएगा। ट्रंप ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस में खेती और कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधियों तथा अपने कैबिनेट के प्रमुख सदस्यों खासकर वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और कृषि मंत्री ब्रूक रोलिन्स के साथ एक गोलमेज बैठक की।
उन्होंने किसानों के लिए 12 अरब डॉलर की संघीय सहायता की घोषणा की। लुइसियाना में अपने परिवार के कृषि कारोबार केनेडी राइस मिल का संचालन करने वाली मेरिल केनेडी ने ट्रंप से कहा कि देश के दक्षिणी हिस्से में चावल उत्पादक वास्तव में संघर्ष कर रहे हैं और अन्य देश अमेरिकी बाजार में चावल डंप कर रहे हैं यानी कि बेहद सस्ते दामों पर चावल बेच रहे हैं। जब ट्रंप ने पूछा कि कौन से देश अमेरिका में चावल सस्ते दामों पर बेच रहे हैं तो राष्ट्रपति के बगल में बैठीं केनेडी ने जवाब दिया, भारत और थाईलैंड यहां तक कि चीन भी प्यूर्टो रिको में चावल सस्ते दामों पर बेच रहा है।
प्यूर्टो रिको कभी अमेरिकी चावल का सबसे बड़ा बाजार हुआ करता था । हमने कई वर्षों से प्यूर्टो रिको में चावल नहीं भेजे हैं। केनेडी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए शुल्क काम कर रहे हैं, लेकिन हमें इसे और बढ़ाने की जरूरत है। ट्रंप ने फिर बेसेंट की ओर देखते हुए कहा, भारत, मुझे भारत के बारे में बताइए। भारत को ऐसा करने की अनुमति क्यों है? उन्हें शुल्क देना होगा । क्या उन्हें चावल पर छूट मिली हुई है? इस पर बेसेंट ने कहा, नहीं सर, हम अभी उनके साथ व्यापार सौदे पर बातचीत कर रहे हैं।
हम क्वाड के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है: अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिका क्वाड के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है तथा आने वाले वर्षों में इस समूह को और मजबूत करेगा। क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया का एक समूह है। रुबियो ने सोमवार को कहा, हम क्वाड के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। आने वाले समय में जापान और भारत के साथ मिलकर इसे आगे बढ़ाने के लिए और काम करेंगे…। ऑस्ट्रेलियाअमेरिका मंत्रिस्तरीय वार्ताओं से पहले उन्होंने रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री रिचर्ड माल्स तथा ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग की मौजूदगी में विदेश मंत्रालय में संयुक्त बयान देते हुए यह बात कही।
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