विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बाजार में डाले ₹31 हजार करोड़

नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मुख्य रूप से आकर्षक मूल्यांकन, रुपये में मजबूती और वृहद आर्थिक संकेतकों में सुधार के चलते चालू माह के आखिरी छह कारोवारी सत्रों में भारतीय शेयर वाजारों में शुद्ध रूप से 31,000 करोड़ रुपये डाले हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के एक वार फिर लिवाल वनने से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में करीव छह प्रतिशत का सुधार हुआ है।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस ताजा निवेश के बाद मार्च में एफपीआई की निकासी घटकर 3,973 करोड़ रह गई है। इससे पहले एफपीआई ने फरवरी में शेयरों से 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे।

जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, ‘आगे वढ़ते हुए, एफपीआई प्रवाह का रुझान मुख्य रूप से दो अप्रैल से लागू होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवावी शुल्क परनिर्भर करेगा। यदि ये शुल्क बहुत प्रतिकूल नहीं होता है, तो उनका निवेश प्रवाह जारी रह सकता है।’ आंकड़ों के अनुसार, एफपीआईने मार्च में भारतीय शेयर बाजार से 3,973 करोड़ रुपये निकाले हैं। हालांकि, पिछले छह कारोवारी सत्रों (21 मार्च से 28 मार्च तक ) में उन्होंने शेयरों में 30,927 करोड़ रुपये डाले।

विजयकुमार ने कहा कि सतत विकवाली के वाद मामूली खरीदारी तक एफपीआई की रणनीति में यह वदलाव कई कारकों से प्रभावित है। इनमें सितंबर, 2024 से जो 16 प्रतिशत का ‘करेक्शन’ हुआ है उससे मूल्यांकन काफी आकर्षक हो गया है। इसके अलावा रुपये में हाल में मजबूती आई है और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि, औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े भी अनुकूल संकेत दे रहे हैं, जिससे भारतीय बाजार के प्रति एफपीआई का आकर्षण फिर वढ़ रहा है।

यह भी पढ़ें:घर बैठे कैंसिल हो सकेगा रेलवे का काउंटर टिकट, नहीं लगाने पड़ेंगे टिकट विंडों पर चक्कर…. इस तरह मिलेगा रिफंड

Related posts