हनुमानगढ़ी से कनक भवन तक, 41 मंदिरों की होगी भव्य सजावट
रामलीला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजेगा दिव्य उत्सव
अयोध्या तीर्थ विकास परिषद की देखरेख में होगा नौवां दीपोत्सव
अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या इस बार नौवां दीपोत्सव के अवसर पर ऐसी दैदीप्यमान छटा बिखेरने जा रही है, जो इतिहास रच देगी। रामायण काल से ही अयोध्या दीपों की रोशनी से जगमगाने की परम्परा का साक्षी रही है। जब भगवान श्रीराम चौदह वर्षों का वनवास पूर्ण कर माता सीता और भ्राता लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे, तब नगरवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से दीपावली का पर्व अयोध्या की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान बन गया।
इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए इस बार नौवां दीपोत्सव ऐतिहासिक और भव्य स्वरूप में आयोजित होने जा रहा है। पहली बार यह आयोजन श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद के पास आया है, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद मुख्य कार्यपालिका अधिकारी जयेंद्र कुमार के अनुसार इस बार नौवां दीपोत्सव को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की तैयारी है।
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26 लाख दीपों का लक्ष्य : नया विश्व रिकॉर्ड
राम की पैड़ी और अयोध्या के घाटों पर इस बार 26 लाख दीप जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। मानो त्रेता युग की वही अद्भुत छटा पुनः जीवित हो उठेगी, जब नगरवासियों ने दीपों की कतारों से अयोध्या को आलोकित किया था। जलते हुए दीप न केवल भगवान श्रीराम के स्वागत का प्रतीक होंगे, बल्कि अंधकार पर प्रकाश, अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की विजय का संदेश भी देंगे।
मठ मंदिरों की भव्य सजावट
नौवां दीपोत्सव के अवसर पर खास बात यह है की पहली बार अयोध्या के 41 प्रमुख मठ-मंदिरों को सजाया जाएगा। इनमें हनुमानगढ़ी, दशरथ महल, कनक भवन, कौशलेश कुंज, अशर्फी भवन और दिगंबर अखाड़ा जैसे मंदिर शामिल हैं। इन मंदिरों को आधुनिक लाइटों, झालरों और रंग-बिरंगी रोशनियों से इस प्रकार सजाया जाएगा कि पूरी रामनगरी स्वर्ग की भांति आलोकित दिखे। 990 झालरों का उपयोग किया जाएगा, जिनमें प्रत्येक में 1000 बल्ब होंगे। यह दृश्य अयोध्या को मानो त्रेता से कलियुग तक जोड़ने का काम करेगा।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और रामलीला
नौवां दीपोत्सव के दौरान रामायण से जुड़ी सांस्कृतिक झांकियां, रामलीला और धार्मिक अनुष्ठान भी आयोजित होंगे। यह केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भारत की सनातन परंपरा, अध्यात्म और संस्कृति का विराट उत्सव होगा। देश-विदेश से आए श्रद्धालु इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनेंगे।
योगी आदित्यनाथ का संकल्प : अयोध्या को वैश्विक पहचान
सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या का दीपोत्सव अब केवल राज्य का नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर का आयोजन बनने की ओर अग्रसर है। परिषद की टीमें दिन-रात जुटी हैं ताकि इस दीपोत्सव की भव्यता को विश्व स्तर पर स्थापित किया जा सके। इस बार का दीपोत्सव केवल रोशनी का नहीं, बल्कि अयोध्या की रामायणकालीन परंपरा से लेकर आधुनिक युग की आध्यात्मिक चेतना तक की निरंतरता का प्रतीक बनेगा। जब लाखों दीप एक साथ प्रज्ज्वलित होंगे तो लगेगा जैसे स्वयं त्रेता युग का वह क्षण वर्तमान में उतर आया हो।
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