ट्रंप के टैरिफ वार से भारत समेत 70 देशों पर पड़ रहा असर

भारत पर 25 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाने का एलान, सात अगस्त से होगा प्रभावी

कार्यकारी आदेश में जुर्माने के रूप में अतिरिक्त शुल्क का उल्लेख नहीं, ब्राजील पर 50 प्रतिशत शुल्क

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत लगभग 70 देशों के लिए एक नई शुल्क (टैरिफ) व्यवस्था से संबंधित कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके तहत भारत से आयात होने वाले सामानों पर 25 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाया गया है। नए शुल्क पहले एक अगस्त से लागू होने थे, लेकिन अब ये सात अगस्त, 2025 से लागू होंगे। ट्रंप ने रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने के लिए भारत पर अतिरिक्त पेनाल्टी की भी घोषणा की थी, लेकिन कार्यकारी आदेश में इसका कोई विवरण नहीं है।

इसमें पाकिस्तान पर 19 प्रतिशत, श्रीलंका व बांग्लादेश पर 20-20 प्रतिशत, अफगानिस्तान पर 15 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है। पड़ोसी देशों में सिर्फ म्यांमार पर भारत से ज्यादा 40 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है। अमेरिका के प्रमुख रणनीतिक साझीदार देशों के संगठन क्वाड के अन्य दो सदस्य देशों जापान (15 प्रतिशत) और आस्ट्रेलिया (10 प्रतिशत) पर भी शुल्क की दर भारत से कम है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार को ‘पारस्परिक शुल्क दरों को और संशोधित करने’ के शीर्षक से एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। यह आदेश तब जारी किया गया, जब भारत समेत कई देशों के साथ अमेरिकी सरकार व्यापार वार्ता कर रही है। ट्रंप प्रशासन ने दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत को सबसे ज्यादा शुल्क वाले देशों में रखा है। हालांकि अप्रैल में जब ट्रंप ने विभिन्न देशों के लिए पारस्परिक शुल्क की घोषणा की थी, तब भारत के लिए 26 प्रतिशत शुल्क का एलान किया था। इस लिहाज से शुल्क की नई दर एक प्रतिशत कम है। ट्रंप प्रशासन के इस कदम को अमेरिकी साम्राज्यवाद के नए दौर के तौर पर देखा जा रहा है। इस कदम भारी उथल-पुथल की संभावना संबंधित है।

अमेरिका के लिए कृषि व डेरी सेक्टर नहीं खोलेगा भारत
नई दिल्ली: वाणिज्य मंत्रालय के उच्चपदस्थ सूत्रों ने फिर से साफ कर दिया है कि भारत अमेरिका के लिए कृषि, डेरी जैसे क्षेत्र को नहीं खोलेगा और अमेरिकी निर्यात के लिए इन वस्तुओं के शुल्क में राहत नहीं दो जा सकती है। मांसाहारी चारा खाने वाले पशुओं के दूध व दुग्ध पदार्थों को भारत में आने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

यह भी पढ़ें : जीएसटी: सरकार के खजाने में आए 1.96 लाख करोड़, सालाना संग्रह में 7.5 प्रतिशत का हुआ इजाफा

Related posts