‘पंचायत’ में गुप्ता मंजू देवी की भूमिका निभाती हैं जबकि राजवार क्रांति देवी के किरदार में
मुंबई। पंचायत सीरीज़ में नीना गुप्ता और सुनीता राजवार भले ही एक दूसरे की राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हों, लेकिन असल जिंदगी में उनके बीच गहरी दोस्ती है, जो उनके थिएटर के दिनों से चली आ रही है। दोनों ने 2020 की फिल्म, शुभ मंगल ज्यादा सावधान और प्राइम वीडियो सीरीज, पंचायत में एक साथ काम किया है।
‘पंचायत’ में गुप्ता मंजू देवी की भूमिका निभाती हैं जबकि राजवार क्रांति देवी के किरदार में हैं। गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, हम थिएटर में मिले, हमने साथ में एक नाटक किया। हम साथ मिलकर काम करते रहे, और जब हम कोई शो करते हैं, तो हमारे पास रिहर्सल के दौरान काफी समय होता है।
हम कई सालों से दोस्त हैं, और हम कभी-कभी खाने पर या ऐसे ही मिलते हैं। उन्होंने कहा जब मुझे पता चला कि सुनीता भी शो में हैं, तो मैं बहुत खुश हुई क्योंकि शूटिंग के बाद, वह शाम को मेरे कमरे में आ जाती थी, हम साथ में खाना बनाते थे, कभी-कभी, वह खाना भी लाती थी। इसलिए, मुझे एक अच्छी संगति, एक अच्छी दोस्त मिल गई।
राजवार ने कहा कि जब भी उन्हें कोई प्रस्ताव मिलता है और यदि वह इसे लेकर असमंजस में होती हैं तो वह नीना से सलाह मशविरा करती है । गुप्ता और राजवार दोनों ने ही पंचायत और विश्व स्तर पर प्रशंसित फिल्म संतोष के लिए ऑडिशन दिया था ।
गुप्ता को पंचायत में मंजू देवी की भूमिका मिली, जबकि राजवार को संतोष में गीता शर्मा का किरदार मिला। नीना गुप्ता ने कहा यह पंचायत के दौरान हुआ, जहां उन्होंने मंजू देवी की मेरी भूमिका के लिए ऑडिशन दिया था, फिर एक फिल्म संतोष है, जिसके लिए मैंने भी उनकी भूमिका के लिए ऑडिशन दिया था। पंचायत -4 24 जून को रिलीज होगा।
अक्षय कुमार की केसरी 2 के प्रोड्यूसर्स पर हुई एफआईआर
कोलकाता। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने फिल्म केसरी चैप्टर 2 पर इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने फिल्म ‘केसरी चैप्टर 2’ के प्रोड्यूसर्स पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है फिल्म में बंगाल के स्वतंत्रता सेनानियों की गलत छवि पेश की गई है। पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा फिल्म में हैं।
क्रांतिकारी खुदीराम बोस का नाम खुदीराम सिंह बताया गया है। वहीं, बारीन्द्र कुमार घोष को बीरेंद्र कुमार और वह भी अमृतसर का बताया गया है। खुदीराम बोस एक स्वतंत्रता सेनानी थे। बहुत कम उम्र में उन्हें फांसी दे दी गयी थी। वहीं, बारीन्द्र कुमार घोष एक क्रांतिकारी और पत्रकार थे। खुदीराम बोस एक स्वतंत्रता सेनानी थे। बहुत कम उम्र में उन्हें फांसी दे दी गयी थी। वहीं, बारीन्द्र कुमार घोष एक क्रांतिकारी और पत्रकार थे।
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