लखनऊ। वेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अध्यापन करने वाले मास्टर जिले के भीतर मनचाहे विद्यालय में ट्रांसफर ले सकेंगे। इसके साथ ही अंतर जनपदीय तबादले भी खोले गये हैं। यह शिक्षकों के सामान्य तवादले हैं और इसमें जिले के वाहर तवादले लिए अव नौकरी की न्यूनतम समय-सीमा को खत्म कर दिया गया है । इसको लेकर शुक्रवार को वेसिक शिक्षा विभाग की ओर से दो शासनादेश जारी किये गये हैं। इसमें शिक्षकों की अंत: जनपदीय तबादलों को लेकर आठ साल से चली आ रही मांग को पूरा कर दिया गया है। शिक्षक संघों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार जताया है।
शासन ने 23 मई को ग्रीष्मावकाश के बीच अंत: जनपदीय व अंतर जनपदीय तवादलों को लेकर शासनादेश जारी कर दिया है। एक ही जिले में शिक्षकों के तबादले का यह शासनादेश आठ साल के वाद जारी हुआ है, लेकिन इसमें भी संवर्ग परिवर्तन को लेकर प्रतिबंध रहेगा। अर्थात ग्रामीण संवर्ग वाले शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र में ही दूसरे विद्यालय में रिक्ति होने पर तवादला ले सकेंगे। इसके लिए जिले स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समिति बनेगी और इसका समन्वय वीएसए करेगा । इसमें जिले के विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को बताया जाएगा।
खास बात है कि तवादलों की यह प्रक्रिया भी पूरी तरह ऑनलाइन रहेगी। अंतः जनपदीय तबादलों का शासनादेश उप सचिव आनंद कुमार सिंह की ओर से निदेशक वेसिक शिक्षा को जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों के मानक तय करते हुए जहां ज्यादा शिक्षक होंगे वहां से आवश्यकता वाले विद्यालयों को भेजे जाएंगे या खुद से तवादला ले सकेंगे। जहां पहले से शिक्षकों की कमी है। एक जिले से दूसरे जिले में भी शिक्षकों के तबादले किये जा सकेंगे। इसको लेकर भी शुक्रवार को ही विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी की ओर से शासनादेश निदेशक बेसिक शिक्षा को जारी किया गया है। इसमें भी प्रावधान किये गये हैं कि स्थानान्तरण प्रक्रिया जनपद स्तर से डीएम की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय समिति के माध्यम से होगी। इसमें भी जिले से वाहर जाने वाले शिक्षकों के लिए ग्रामीण संवर्ग व नगर संवर्ग की वाध्यता रहेगी। अंतरजनपदीय तबादलों में नियमित शिक्षक-शिक्षिका ही अर्ह होंगे।