‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सुरक्षा की दृष्टि से उठाया गया कदम
आगरा। विश्व धरोहर ताज महल की सुरक्षा को और पुख्ता करने और संभावित हवाई खतरों से निपटने के लिए परिसर में जल्द ही ड्रोन रोधी प्रणाली स्थापित की जाएगी। अधिकारियों ने रविवार को यहां वताया कि वर्तमान में सीआईएसएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा संरक्षित ताज महल को जल्द ही उन्नत ‘ड्रोन न्यूटलाइजेशन’ तकनीक के रूप में सुरक्षा के लिए एक अतिरिक्त कवच मिलेगा।
उन्होंने वताया कि यह कदम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वाद उत्पन्न चिंताओं के मद्देनजर उठाया गया है। उनके मुताविक, उस दौरान पाकिस्तान ने भारत के विभिन्न हिस्सों में ड्रोन हमलों का प्रयास किया था।
हालांकि ऐसे सभी प्रयासों को भारतीय सुरक्षा वलों ने वेअसर कर दिया था। सहायक पुलिस आयुक्त (ताज सुरक्षा) सैयद अरीव अहमद ने रविवार को वताया, ताजमहल परिसर में एक ड्रोन रोधी प्रणाली स्थापित की जाएगी। इस प्रणाली की रेंज सात-आठ किलोमीटर होगी। हालांकि यह ताजमहल के मुख्य गुंवद से 200 मीटर के दायरे में काम करेगी। अहमद ने कहा कि जैसे ही कोई ड्रोन ताजमहल के आसपास आयेगा, ड्रोन रोधी प्रणाली उसके सिग्नल को तोड़कर उसे गिरा देगी।
उन्होंने वताया, ड्रोन रोधी प्रणाली को संचालित करने के लिए पुलिस कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रतिक्रिया टीम वनाई जाएगी। प्रतिक्रिया टीम, जहां से ड्रोन उड़ रहा है उसको ट्रैक करेगी और ड्रोन जहां गिरेगा वहां जाएगी। अगले कुछ दिनों में ही ड्रोन रोधी प्रणाली स्थापित कर दी जाएगी। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के तौर पर घोषित ताजमहल देश के उन स्मारकों में शामिल है जहां सवसे ज्यादा सैलानी आते हैं।
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