नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर देश के वैज्ञानिकों और युवाओं को संबोधित करते हुए भारत को गहरे अंतरिक्ष मिशनों के लिए तैयार होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत अब चंद्रमा और मंगल से आगे बढ़कर ब्रह्मांड के उन रहस्यों को खोजना चाहता है, जो मानवता के भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं। भारत विद्युत प्रणोदन और अर्ध- क्रायोजेनिक इंजन जैसी महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत की बदौलत भारत जल्द ही गगनयान मिशन लॉन्च करेगा और अपना अंतरिक्ष स्टेशन भी बनाएगा।
वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि सरकार भविष्य के मिशनों के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का एक नया दल बनाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने युवाओं से इस दल का हिस्सा बनने का आग्रह करते हुए कहा, हम चंद्रमा और मंगल तक पहुंच गए हैं। अब हमें गहरे अंतरिक्ष का अवलोकन करना है जहां ऐसे अनेक रहस्य छिपे हैं जो मानवता के भविष्य के लिए लाभकारी हैं।
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प्रधानमंत्री ने देश भर के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों, छात्रों और नीति निर्माताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा क्षितिज आकाशगंगाओं से परे है। अनंत ब्रह्मांड हमें बताता है कि कोई भी सीमा अंतिम सीमा नहीं है और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी, नीतिगत स्तर पर कोई अंतिम सीमा नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के पास अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने की पूरी क्षमता है। उन्होंने वैज्ञानिकों, छात्रों और नीति निर्माताओं से आग्रह किया कि वे सीमाओं से परे सोचें और ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने के लिए आगे आएं।
निजी क्षेत्रों से भागीदारी बढ़ाने का किया आह्वान
मोदी ने देश के निजी क्षेत्रों और स्टार्टअप्स को भी अंतरिक्ष अनुसंधान में भागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, क्या हम अगले पांच वर्षों में अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े पांच यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स तैयार कर सकते हैं? मैं चाहूंगा कि निजी क्षेत्र आगे आएं? क्या हम उस मुकाम तक पहुंच सकते हैं जहां हम हर साल 50 रॉकेट प्रक्षेपित कर सकें?
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