हॉस्पिटल में हिस्सेदारी के नाम पर व्यवसायी से डॉक्टर पिता पुत्र ने हड़पे 13 करोड़

विकासनगर थाने में पिता पुत्र के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज जांच में जुटी पुलिस

लखनऊ। पार्टनरशिप का झांसा देकर डॉक्टर और राम जानकी हेल्थ केयर हॉस्पिटल के निदेशक पिता- पुत्र ने वृद्ध व्यवसायी विद्युत कुमार जैन से 12.95 करोड़ रुपये हड़प लिए । व्यवसायी ने विकासनगर थाने में डॉ. और निदेशक पिता-पुत्र के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इंदिरा नगर आम्रपाली कॉलोनी निवासी व्यवसायी विद्युत कुमार जैन का रिंग रोड पर इंदिरा कॉम्प्लेक्स है। विद्युत जैन की तहरीर के मुताबिक दिसंबर 2022 में उनकी मुलाकात राम जानकी हेल्थ केयर के निदेशक मशकगंज निवासी डॉ. सिद्धार्थ मिश्रा से मशकगंज निवासी डॉ. सिद्धार्थ मिश्रा से मुलाकात हुई।

उन्होंने और उनके परिचित गोमतीनगर विस्तार ओमेक्स परिचित गोमतीनगर विस्तार ओमेक्स निवासी आर्यन गुप्ता ने हॉस्पिटल में पार्टनशिप देने की बात कही। हास्पिटल के सीईओ देवेंद्र गुप्ता थे। विद्युत के के सीईओ देवेंद्र गुप्ता थे। विद्युत के मुताबिक दस्तावेजों में 36 फीसदी की पार्टनशिप उनकी, डा. सिद्धार्थ मिश्रा की 48 और आर्यन गुप्ता 16 फीसदी तय की गई। एग्रीमेंट के बाद 1.30 करोड़ रुपये हास्पिटल के यूनियन बैंक के खाते में ट्रांसफर किए। इसके बाद मार्च 2023 में उपकरण खरीद के नाम पर 1.50 करोड़ दिए। अस्पताल के पास लोन के लिए कोई संपत्ति नहीं थी । इस लिए पत्नी के नाम से महमूदाबाद स्थित कीमती जमीन को इंडियन बैंक में बंधक रखी।

उस पर डॉ. और निदेशक पिता-पुत्र ने 10.15 करोड़ का लोन पास कराया और वह भी ले लिया। तीनों ने लोन ली गई रकम की 10 लाख मासिक किस्त देने का आश्वासन भी दिया। मई 2024 में अस्पताल में हिसाब किताब और किस्त पर तीनों लेट लतीफी करने लगे । इस पर विरोध किया तो तीनों की बातचीत का नजरिया बदला था। शक हुआ तो एग्रीमेंट बनाकर दिया। उसमें लिखा की अस्पताल की तरफ से उन्हें कोई भी पेपर नहीं दिए गए हैं। लिहाजा वे हिस्सेदारी को खत्म करना चाहते हैं।

इसके बाद आरोपितों ने मिली भगत कर मेडिकेयर साल्यूशन सीतापुर के नाम से एक कंपनी बनाई। वह कंपनी डॉ. सिद्धार्थ के कर्मचारी अजीत यादव के नाम से थी। उसमें हॉस्पिटल के खाते में पड़ी नौ करोड़ रुपये रकम ट्रांसफर कर ली। हास्पिटल में नुकसान का हवाला दिया और किस्त व हिस्सेदारी की रकम देनी डॉ. और निदेशक पिता- पुत्र ने देनी बंद कर दी। रुपयों की मांग की तो उक्त लोगों ने गाली-गलौज धमकी दी। इसके बाद थाने में तहरीर दी। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस ने सुनवाई नहीं की। इसके बाद उन्होंने कोर्ट में अपील की। कोर्ट के आदेश के बाद आरोपित डॉ. सिद्धार्थ, देवेंद्र गुप्ता और उनके बेटे आर्यन के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

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