अपने राजनैतिक कैरियर मे हरिशंकर तिवारी, वीरेंद्र शाही, अखिलेश सिंह और हर्षवर्धन सिंह जैसे दिग्गज नेताओं को लोकसभा चुनाव हरा चुके हैं “पंकज”

लखनऊ।पूर्वांचल के तराई क्षेत्र के पिछडे वर्ग के बडे नेता पंकज चौधरी नई सियासी पारी से यूपी भाजपा का किला मजबूत करेंगे। विपक्ष के पीडीए गठजोड के तौर पर भाजपा ने पिछडी वर्ग के नेता को पार्टी की कमान सौप प्रदेश मे सत्ता की हैट्रिक लगाने की दाव चली है। सात बार सासंद बने पंकज चौधरी प्रदेश में सत्ताधारी सपा बसपा को सियासी मैदान मे धूल चटा चुके है।प्रदेश में किसी भी दल की लहर हो लेकिन जनपद की राजनीति मे भाजपा का सिक्का अब तक चला है। विधानसभा का चुनाव हो या जिला पंचायत के कुर्सी की रस्साकस्सी पंकज के हाथ की डोर कमी ढीली नही होने पाई है।

भाजपा सात बार के सासंद पंकज चौधरी के राजनैतिक अनुभव, सियासी दाव पेंज का तजुर्बा के साथ पिछडे वर्ग के बडे बोट बैक को एक साथ साधा है। पंकज चौधरी सौम्भ स्वभाव से लोकसभा चुनावो बाहुबली दिग्गजो को मात देकर फतह हासिल की है तो जिला पंचायत चुनाव मे सपा बसपा के शासन काल में भी भाजपा को विजय दिलाई है। विधानसभा चुनाव मे पंकज चौधरी की बादशाहत बरकार रही है और वर्तमान मे भाजपा और गठबंधन के पांच मे से चार सीटो पर कब्जा है।1991 मे लोकसभा चुनाव मे भाजपा से ताल ठोकने वाले पंकज चौधरी जनपद में 35 साल के अपने राजनैतिक कैरियर मे हरिशंकर तिवारी वीरेंद्र शाही अखिलेश सिंह हर्षवर्धन सिंह जैसे दिग्गजो को हराकर राजनीति के सरताज बने और सात बार सांसद चुने गये।

बात करे जिला पंचायत चुनाव की तो प्रदेश मे सत्ता बदलती रही लेकिन जनपद मे जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर 1995से भाजपा कब्जा जमाए बैठी है। जिला पंचायत का गठन होने के बाद1995 में पहली बार पंकज चौधरी के भाई प्रदीप चौधरी अध्यक्ष बने, उसके बाद दो बार उनकी माता उज्जवला चौधरी चुनाव जीती और 2000 से 2010 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रही। 2010 मे जिला पंचायत अध्यक्ष सीट का आरक्षण बदला तो भाजपा ने धर्मा देवी को उम्मीदवार बनाया और प्रदेश मे बसपा की सरकार होने के बाद भी पंकज चौधरी की गणित से जीत का आकडा भाजपा के साथ आ गया।इसके बाद प्रदेश में सपा का शासन आया और 2015 के उस दौर मे शह मात के जोडतोड में पंकज चौधरी ने भाजपा से प्रभुदयाल चौहान के नाम जीत दर्ज कराकर प्रदेश मे इकलौती सीट भाजपा के खाते मे डाला और यही से शुरु हुई प्रदेश स्तर पर राजनैतिक गलियारों मे पंकज चौधरी के चाणक्य नीति की चर्चा।

2020 मे भाजपा के रविकांत पटेल जिला पंचायत अध्यक्ष बने और अभी तक भाजपामय बनी जिला पंचायत की सीट इतिहास बना रही है। विधानसभा चुनाव पर गौर करे तो सासंद पंकँज चौधरी के राजनैतिक रसूख व प्रतिष्ठा कायम रखने का सवाल बना तो वर्ष2017 में पांच सीटो मे से भाजपा ने पनियरा सदर फरेंदा और सिसवा सीट पर खब्जा जमाया जबकि नौतनवा सीट पर निर्दल अमनमणि त्रिपाठी विजयी हुए। 2022 मे भी पांच मे से चार सीट पर भाजपा जीती और फरेंदा सीट हार गयी लेकिन पहली बार भाजपा गठबंधन नौतनवा में जीत का स्वाद चखा। राजनैतिक आंकड़ो की जादूगरी मे माहिर पंकज चौधरी को भाजपा की कमान देकर भाजपा पिछडे वर्ग के बडे वोट बैंक को साध कर प्रदेश मे सत्ता की हैट्रिक लगाने का दाव लगाया है।

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