लखनऊ । सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि देश इस समय एक अघोषित आपातकाल के दौर से गुजर रहा है जहां सच बोलना अपराध है, पत्रकारिता घुटन में है और विपक्ष को कुचलने की साजिश खुलेआम हो रही है ।अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने लोकतंत्र की जड़ें हिला दी हैं । जव देश इमरजेंसी की वरसी याद कर रहा है, व असल में आज जो हालात हैं, वो इमरजेंसी से भी ज़्यादा भयावह है। जनता के अधिकार छीन लिए गए है, संस्थाएं पंगु वना दी गई है और संविधान को सिर्फ कितावों में छोड़ दिया गया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा कर रही है, गरीवों की ज़मीनें छीनी जा रही है, लोगों को मतदान से रोका जा रहा है और विपक्षी नेताओं को झूठे मुकदमों में जेल में डाला जा रहा है । ये तानाशाही नहीं तो और क्या है? पूर्व सांसद स्व. छोटे सिंह यादव की त्रयोदशी एवं शांति पाठ कार्यक्रम में शामिल होने के वाद अखिलेश पत्रकारों से मुखातिव थे। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने जिस संपूर्ण क्रांति का विगुल फूंका था, आज वही हालात फिर वन गए हैं। महंगाई, भ्रष्टाचार, वेरोजगारी और अन्याय चरम पर है। आवाज़ उठाने वालों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
भाजपा को जवाव देना चाहिए कि क्या वह इस अघोषित इमरजेंसी का भी वार्षिक उत्सव मनाएठ्ठगी ? उन्होंने इटावा की घटना को रोंगटे खड़े कर देने वाला वताया। कहा कि जहां वर्चस्ववादी लोगों ने धार्मिक कथा वाचकों को अपमानित किया, उनकेवाल काटे, चोटियां नोचीं और पेशाव तक डाला ऐसी हैवानियत तो इमरजेंसी में भी नहीं देखी गई थी। भाजपा शासन ऐसे असामाजिक तंत्र को खुली छूट दे रही है।
उन्होंने कहा कि हर विभाग में लूट और घोटाले का वोलवाला है। जल जीवन मिशन योजना भ्रष्टाचार का नंगा नाच वन गई है, पानी की टंकियां भ्रष्टाचार के वोझ से ढह रही है। अवैध खनन का आलम ये है कि भाजपा विधायक खुद अधिकारियों को पीट रहे है। भाजपा सरकार में भर्ती प्रक्रिया को मज़ाक बना दिया गया है। पीडीए वर्ग के युवाओं के साथ आरक्षण में बड़ा धोखा हुआ है। पुलिस भर्ती में भारी धांधली की गई है। उन्होंने मांग की कि पूरी सूची सार्वजनिक की जाए। हमारी सरकार में भर्तियां मेरिट पर, पारदर्शी और निष्पक्ष होती थीं।
अखिलेश ने पूर्व सांसद छोटे सिंह यादव को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पार्टी ने एक मजबूत स्तंभ खो दिया है। वे ज़मीनी नेता थे, सिद्धांतनिष्ठ समाजवादी थे, संगठन के प्रति समर्पित थे। उनकी कमी हमें हमेशा खलेगी।