काबुल । इस्लामावाद और रावलपिंडी में कम से कम 190 अफगान प्रवासियों को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया। यह दावा पाकिस्तान में शरणार्थियों के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने किया। जेएसी अफगान शरणार्थियों के अधिकारों के लिए काम करने वाला कराची और इस्लामावाद स्थित एक वकालत समूह है।
जेएसी ने पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी निंदा की और उनकी कार्रवाई को मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन वताया। समूह ने पाकिस्तान में अफगान शरणार्थीयों के निरंतर उत्पीड़न पर प्रकाश डाला और गलत तरीके से गिरफ्तार किए गए सभी लोगों की तत्काल रिहाई की मांग की।
जेएसी ने कहा कि पुलिस अधिकारी पाकिस्तानी सरकार की तरफ से दी गई 31 मार्च की समय सीमा के वावजूद शरणार्थयों को गिरफ्तार कर रहे हैं । इस वात की परवाह किए विना कि अफगानियों के पास पंजीकरण प्रमाण, अफगान नागरिक कार्ड या वैध वीजा है या नहीं।
पाक में शरणार्थियों के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति ने किया दावा
समिति ने दावा किया कि इस्लामावाद के हाजी कैंप में करीव 190 अफगानी वंद हैं। पीरवधाई पुलिस स्टेशन में करीव 60 से 70 अफगानी वंद हैं। इसके साथ ही यह दावा भी किया कि वारिस खान, वानी गाला, सदर, कैंट सिटी, सिविल लाइंस और नसीराबाद पुलिस स्टेशनों को वैध दस्तावेजों के साथ या विना वैध दस्तावेजों के अफगानियों को गिरफ्तार करने के आदेश जारी किए गए हैं।
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नागरिक समाज गठबंधन ने मांग की है कि अधिकारियों को नस्लीय भेदभाव और अफगानों की मनमानी गिरफ्तारी बंद करनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र चार्टर, पाकिस्तानी कानून और इस्लामावाद उच्च न्यायालय के हालिया आदेश कार्यपालिका को शरणार्थीयों को गिरप्तार करने या निर्वासित करने से रोकते हैं। इस महीने की शुरुआत में, मानवाधिकार संगठनों और शरणार्थी वकालत समूहों के एक गठबंधन ने पाक सरकार को एक ‘खुला पत्र’ लिखा था, जिसमें अफगान प्रवासियों के जवरन निर्वासन को तुरंत रोकने की मांग की गई थी।