नई दिल्ली । संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि देशों के वीच व्यापार को लेकर तनाव बढ़ने तथा निश्चित नीति नहीं होने के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितता के दौर से रही है। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नीतिगत अनिश्चितता के साथ-साथ वढ़ते व्यापार तनाव ने मौजूदा वर्ष के लिए वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण को भी काफी कमजोर कर दिया है।
‘विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएँ- 2025′ नामक रिपोर्ट में कहा गया है, “उच्च टैरिफ के कारण अमेरिका में प्रभावी टैरिफ दर में काफी वृद्धि की संभावना है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर दवाव पड़ने, उत्पादन लागत में वृद्धि होने और महत्वपूर्ण निवेश निर्णयों में दे के साथ-साथ वित्तीय वाजार में अस्थिरता भी वढ़ने की संभावना है।’
यह भी कहा गया है कि 2025 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर कम होकर 2.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2024 के 2.9 प्रतिशत से कम है । विकास पूर्वानुमानों में कमी विकसित और विकासशील दोनों अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर रही है। कमजोर वैश्विक व्यापार वृद्धि और निवेश प्रवाह भी अर्थव्यवस्था में मंदी को और वढ़ा रहे है । व्यापार पर निर्भर कई विकासशील देशों को कम निर्यात, कम कीमतों, सख्त वित्तीय स्थितियों और वढ़े हुए ऋण बोझ से भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है ।
संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के अवर महासचिव ली जुनहुआ ने कहा, “ टैरिफ शॉक से कमजोर विकासशील देशों पर बुरा असर पड़ने, विकास धीमा होने, निर्यात राजस्व में कमी आने और ऋण चुनौतियों के वढ़ने का जोखिम है, खासकर तब जब ये अर्थव्यवस्थाएँ पहले से ही दीर्घकालिक सतत विकास के लिए आवश्यक निवेश करने के लिए संघर्ष कर रही है ।’
रिपोर्ट में यह माना गया है कि वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति कम हो रही है, लेकिन टैरिफ – संचालित लागत दवाव और अनिश्चितता से अल्पकालिक जोखिम नीतिगत चुनौतियों को बढ़ा रहे हैं । इनसे निपटने के लिए एक व्यापक ‘टूलकिट की आवश्यकता है जो मौद्रिक नीति, राजकोषीय उपायों, आपूर्ति संबंधित सुधारों और औद्योगिक रणनीतियों को कीमतों को स्थिर करने में मदद करती है ।
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