नई दिल्ली । बिटिश खोजकर्ताओं ने 112 साल पहले 1911 में अंटार्कटिका के टेलर ग्लेशियर पर खून का झरना बहते देखा गया था। ये झरना पूर्वी अंटार्कटिका के विक्टोरिया लैंड पर है। खून का यह झरना कई दशकों से बह रहा है। अब जाकर इसके निकलने की वजह पता चली है। ग्लेशियर का यह खून नमकीन सीवेज है, जो एक बेहद प्राचीन इकोसिस्टम का हिस्सा है। टेलर ग्लेशियर के नीचे एक अत्यधिक प्राचीन जगह है। ऐसा माना जाता है कि वहां पर जीवन मौजूद है। जिन वैज्ञानिकों ने इस खून…
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