नई दिल्ली। शुल्क सबंधी व्यापार चिंताओं के वीच वैश्विक वाजारों में जोखिम से वचने के कारण रुपया अपनी शुरुआती वढत खोकर अमेरिकी डॉलर के मुकावले पांच पैसे वढकर 85.25 के भाव पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि कारोवार के दौरान रुपये ने कमजोर अमेरिकी डॉलर सूचकांक और कच्चे तेल की कीमतों तेज गिरावट के कारण वढत हासिल की।
हालांकि कमजोर घरेलू वाजारों और विदेशी कोष की निकासी ने रुपये की तेज वढत को रोक दिया। अंतरवैंक विदेशी मुद्रा विनिमय वाजार में रुपया 85.07 के भाव पर खुला और कारोवार के दौरान 84.96 के ऊपरी और 85.34 के निचले स्तर तक गया । कारोवार के अंत में रुपया डॉलर के मुकावले 85.25 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले वंद स्तर से पांच पैसे अधिक वृहस्पतिवार को रुपया 22 पैसे की वढत के साथ 85.30 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत एवं चीन समेत लगभग 60 देशों पर जवावी शुल्क लगाने के बाद डॉलर अपनी प्रमुख मुद्राओं के मुकावले कमजोर हो गया। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकावले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 101.64 पर रहा। सेवा पीएमआई के निराशाजनक आंकड़ों और व्यापार शुल्कों को लेकर चिंता के कारण अमेरिका में आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंताएं वढ गई हैं।
वैश्विक तेल वेंचमार्क प्रेंट क्रूड वायदा कारोवार में 0.84 प्रतिशत गिरकर 69.55 डॉलर प्रति वैरल पर आ गया। कच्चा तेल ट्रंप के शुल्क और निर्यातक देशों के समूह ओपेक प्लस के उत्पादन बढाने के फैसले के दोहरे झटके से प्रभावित हुआ।
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