पुलिस ने करीब 35 लाख रुपए कीमत के जेवर बरामद कर किया खुलासा
लखनऊ । इंस्टाग्राम पर आईडी बनाकर एक दूसरे से जुड़कर चोरी की योजना बनाने के वाद वारदात को अंजाम दे रहे थे। गुरुवार को
आशियाना पुलिस गिरोह के चार शातिर चोरों को गिरफ्तार किया । यह गिरोह इंस्टाग्राम पर 99 फर्जी आईडी बनाकर एक दूसरे से जुड़े थे। सभी कोड वर्ड । में वात करते थे। शहर में रह रहा एक सदस्य वंद घरों की रेकी कर चिन्हित कर लेता था । फिर वह इंस्टाग्राम पर लोकेशन भेज देता था। लोकेशन मिलते ही गिरोह के तीन अन्य सदस्य लखीमपुर से वाइक से लखनऊ आकर माल समेट कर भाग जाते थे। पुलिस ने पकड़े गए गिरोह के कब्जे से चोरी किए हुए 35 लाख रुपए कीमत के जेवर व घटना में प्रयुक्त वाइक वरामद किया है।
डीसीपी मध्य आशीष श्रीवास्तव ने वताया कि 25 जुलाई को सेक्टर-एम निवासी मधुरिमा तिवारी और 28 जून को रजनीखंड निवासी सत्यदेव राजपूत के घर में लाखों की चोरी हुई थी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर घटनास्थल के आसपास के सीसी कैमरों की फुटेज खंगाली, तो चोरों की करतूत कैद मिली। इसके वाद क्राइम टीम और आशियाना पुलिस की संयुक्त टीम ने वीवीएयू की दीवार के पास से लखीमपुर सदर अर्जुनपुरवा निवासी सुधीर कश्यप, सदर मेहवागंज निवासी मो. जीशान, खमरिया गुरट्टा खुर्द निवासी गौरव सिंह व वजीरगंज वलरामपुर अस्पताल के पास रहने वाले नमित मिश्र को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में आरोपितों ने वताया कि उन्होंने इंस्टाग्राम पर 99 ग्रुप नाम से आईडी बनाई थी। ग्रुप से गिरोह के सदस्य जुड़े थे और वह आपस में कोड वर्ड में चोरी की योजना बनाकर बात करते थे । वताया कि वह चोरी करने के वाद जेवर नेपाल जाकर वेचने की फिराक में थे । इंस्पेक्टर छत्रपाल सिंह ने बताया कि गिरोह का सरगना सुधीर कश्यप है । सुधीर ताला तोड़ने का एक्सपर्ट है । उसके खिलाफ चोरी समेत अन्य धाराओं में 11 मुकदमें दर्ज हैं, जिसमें से एक मुकदमा लखनऊ के जानकीपुरम थाने में और 10 मुकदमें लखीमपुर खीरी जिले में दर्ज है। पुलिस ने पकड़े गए चोरों के कब्जे से 35 लाख रुपए कीमत के जेवर व घटना में प्रयुक्त वाइक वरामद की है।
लोकेशन मिलते ही लखीमपुर से आते थे तीन साथी
इंस्पेक्टर ने बताया कि वजीरगंज निवासी नमित मिश्र घरों की रेकी करने के वाद इंस्टाग्राम पर मैसेज कर लोकेशन भेजता था । इसके वाद लखीमपुर से सुधीर कश्यप, मो. जीशान व गौरव सिंह एक ही वाइक से आते थे और चोरी की वारदात कर मौके से भाग जाते थे। पुलिस का कहना है कि अधिकांश यह लोग रात एक से चार के बीच के चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे।
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