अयोध्या। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिह पुरी ने अयोध्या में राम मंदिर में दर्शन किए और ऐतिहासिक गुरुद्वारे में मत्था टेका। उन्होंने पवित्र शहर को सनातन धर्म और सिख धर्म का संगम स्थल’ वताया । पेट्रोलियम मंत्री ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या की अपनी यात्रा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं, जिसमें उन्होंने मंदिर शहर के महत्व के वारे विस्तार से बताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट में कहा कि अयोध्याधाम, सनातन धर्म और सिख धर्म की पवित्र संगम भूमि है और इसे प्रभु श्री राम और तीन सिख गुरु साहिवों का आशीर्वाद प्राप्त है।
उनके मुताविक, सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी महाराज 1510-11 में, नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर जी 1668 में और गुरु गोविद सिह जी 1672 में अयोध्या आए थे। उन्होंने कहा, मुझे अयोध्याधाम के ब्रह्मकुंड में सरयू नदी के किनारे ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिव में मत्था टेकने और आशीर्वाद लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।’पुरी ने कहा कि पवित्र तो गुरु गोविद सिह ने 400 निहंग सिखों की एक वटालियन को भीषण युद्ध में अघोरियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने के लिए भेजा था ।
धाम में स्थित गुरुद्वारे आस्था के संगम, मध्यकालीन समय से सिख और हिंदू धर्म के वीच मजबूत संबंधों तथा आक्रमणकारियों से लड़ने के लिए दोनों धर्मो के एक-दूसरे के साथ खड़े रहने के परिचायक हैं। पुरी ने कहा कि 1697 में जब औरंगजेव के नेतृत्व में आक्रमणकारी मुगल सेना ने अयोध्या में राम मंदिर पर हमला किया
उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव की ‘उदासी’ का इतना महत्व था और भव्य राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई के दौरान यह दिखा भी जब एक न्यायाधीश ने कहा, 1510-11 ई. में भगवान राम की जन्मस्थली के दर्शन के लिए गुरु नानक देवजी की यात्रा हिदुओं की आस्था और विश्वास को पुष्ट करती है। एक अन्य पोस्ट में पुरी ने कहा, मुझे उस कुएं के पवित्र जल को महसूस करने का दिव्य सौभाग्य मिला, जहां से गुरु नानक देव जी के पवित्र स्नान के लिए पानी निकाला गया था। गुरु महाराज ने भी भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए इस पवित्र जल का छिड़काव किया था।’
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