प्रधानमंत्री वहुप्रतीक्षित कटरा से श्रीनगर के लिए वंदेभारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर करेंगे रवाना
नई दिल्ली। करीव सात दशक का इंतजार खत्म होने जा रहा है जव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कश्मीर को रेलमार्ग के जरिये देश के हर हिस्से को जोड़ने का सपना पूरा करने जा रहे हैं। अगले महीने 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री वहुप्रतीक्षित कटरा से श्रीनगर के लिए वंदेभारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर ऊधमपुर – श्रीनगर-वारामूला रेल लिंक परियोजना को पूरा करेंगे। अभी तक कश्मीर की वादियों में कई चरणों में रेल परिचालन हो रहा था। लेकिन अव प्रधानमंत्री के लोकार्पण कार्यक्रम के वाद कश्मीर से देश हर हिस्से से ट्रेनों का सीधा आवागमन हो सकेगा।
हालांकि अभी कटरा से श्रीनगर के लिए ही सीधे तौर पर चलेंगी और यह करीव तीन घंटे में सफर तय करेगी। कश्मीर की वादियों का लुत्फ उठाने के लिए हर मौसम आवागमन के लिए रेलमार्ग मुफीद सावित होगा। अभी सड़क मार्ग से आठ से 12 घंटे के सफर करके लोग जम्मू से श्रीनगर पहुंच पाते हैं, लेकिन अप्रैल में यह रेल लिंक पूरी तरह से शुरू होने के वाद कटरा से श्रीनगर पहुंचने में सिर्फ तीन घंटे का समय लगेगा। देश हर विभिन्न हिस्सों से ट्रेनें कटरा पहुंचेंगी और फिर यहां से ट्रेन वदल कर श्रीनगर के लिए यात्री रवाना होंगे।
फिलहाल वंदेभारत को कटरा से श्रीनगर के वीच चलाने की योजना वनायी गयी है। लेकिन जल्दी की अन्य ट्रेनों भी श्रीनगर के लिए चलायी जा सकती हैं, क्योंकि कश्मीर के लिए सीधी रेललाइन के शुरू के वाद यात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी। अभी कश्मीर की वादियों में श्रीनगर से लेकर संगलदान तक स्थानीय ट्रेनों का आवागमन होता है, जिसमें दैनिक यात्री सफर करते हैं, किन्तु संगलदान से कटरा तक रेललाइन चालू होने के बाद इन ट्रेनों का कटरा तक चलाया जा सकता है।
करीव सात दशक पहले कश्मीर को रेल से जोड़ने की योजना वनी थी, लेकिन 272 किलोमीटर की यह परियोजना चरणवद्ध तरीके से पूरी हुई है। कश्मीर की वादियों में वर्ष 2009 में 118 किलोमीटर की काजीगुंड-वारामूला सेक्शन शुरू हो गया था । फिर वर्ष 2013 में 18 किलोमीटर वनिहाल – काजीगुंड सेक्शन, वर्ष 2014 में 25 किलोमीटर ऊधमपुर – कटरा, वर्ष 2023 में वनिहाल से संगलदान और अव संगलदान से कटरा के वीच शुरू होने वाली है। हांलाकि इससे पहले जम्मूतवी से ऊधमपुर के लिए रेल परियोजना पूरी की गयी थी ।
इस पूरी परियोजना पर 41 हजार करोड़ रुपये की लागत आयी है। इस परियोजना की सवसे बड़ी खासियत यह है कि यहां चिनाव नदी पर 359 मीटर ऊंचाई पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल वनाया गया है। यह पूरा रेल मार्ग सुरंग और पुलों से होकर गुजरता है, जोकि आकर्षक और आनंदमय सफर का हिस्सा बनेगा ।