लंदन। आप लोगों को याद होगा पिछले साल ब्रिटेन के एक मगरमच्छ विशेषज्ञ ने स्वीकार किया था कि उसने कुत्तों का दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं, मानवता की सारी हदें पार करने वाले इस शख्स ने अपने कारनामों का ना केवल वीडियो बनाया था, बल्कि उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया था। हाल ही में इस मामले में फिर सुनवाई हुई। अदालत दोषी को सजा देने ही वाली थी कि उसके वकील ने एक नई रिपोर्ट पेश कर दी, जिसकी वजह से एक बार फिर सुनवाई टल गई। अब इस मामले की सुनवाई अगस्त में होगी।
ऐसा नहीं है कि यह कोई अनपढ़ व्यक्ति था। बीबीसी और नेशनल ज्योग्राफिक के साथ काम कर चुका एडम ब्रिटन एक प्रमुख प्राणीविज्ञानी है। उसने पिछली साल ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत में अपना अपराध स्वीकार कर लिया था। उसने बताया था कि दर्जनों कुत्तों को तब तक प्रताड़ित किया, जब तक वे मर नहीं गए। उसने बताया था कि यह सब कैमरे में भी कैद किया था। इतना ही नहीं, ब्रिटन ने 60 आरोपों के बीच बाल शोषण सामग्री को ऑनलाइन एक्सेस करने की बात भी कबूल की थी। बता दें, एडम पर दुष्कर्म, यातना और दर्जनों कुत्तों की मौत का आरोप लगाया गया है। उसे 249 साल की जेल हो सकती है।
मीडिया के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में जब मामले की सुनवाई हो रही थी, तो न्यायाधीश ने लोगों को बाहर जाने के लिए कहा। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अपराधों का उल्लेख डरावना था। इससे किसी कमजोर दिल वाले को नुकसान पहुंच सकता था। उन्होंने इस पूरे कृत्य को जानवरों के प्रति भयावह क्रूरता करार दिया। जब लोग अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे थे, तभी एडम के वकील ने एक नई रिपोर्ट पेश करके हलचल पैदा कर दी। वकील ने न्यायाधीश से इस रिपोर्ट पर विचार करने का अनुरोध किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि जेल में मनोवैज्ञानिक द्वारा करीब 30 घंटे तक उनका इलाज किया गया। इसकी रिपोर्ट में उनकी मौजूदा मानसिक स्थिति के बारे में बात की गई है।
अपने मुवक्किल की सजा में कमी करने का अनुरोध करते हुए वकील ने कहा, ‘यह एक इंसान है जो बचपन से ही इस बीमारी से पीड़ित है… यह उसकी गलती नहीं है। यह महत्वपूर्ण है न्यायाधीश, यह विशेष बीमारी समाजों में एक अजीब सी स्थिती पैदा कर देती है। समाज के लोग ऐसे लोगों को अपने बीच में जगह नहीं दे पाते हैं। मुझे उम्मीद है कि अदालत यह स्वीकार कर सकती है कि वयस्क होने तक इस बीमारी के साथ जीना और इसे संभालना बहुत मुश्किल रहा होगा।’
इससे पहले, पिछले साल हुई सुनवाई के दौरान अभियोजकों ने कहा था कि ब्रिटन की साल 2014 से जानवरों में रुचि थी। उसने अपने पालतू जानवरों के साथ-साथ उन कुत्तों का भी शोषण किया, जिन्हें मालिकों द्वारा छोड़ दिया गया था।